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शनिवार, 6 अक्तूबर 2007

मैं चाहता हूं

मैं चाहता हूं
तुम्हारे साथ किसी ऊंचे पहाड़ से चिल्लाऊं
मैं चाहता हूं
तुम्हारे साथ जंगल एक्सप्लोर करूं
मैं चाहता हूं
तुम्हारे साथ नदी किनारे बैठ पानी का गीत सुनूं
मैं चाहता हूं
तुम्हारे साथ खिलते फूलों को देखूं
आकाश के तारे गिनूं
और अपना एक तारा बनाऊं जिसे हर रात हम-तुम साथ-साथ खोजें
मैं यह कुछ भी नहीं करता
क्योंकि तुम मेरे बाजू में नहीं हो

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