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मंगलवार, 13 नवंबर 2007

इस गीत की भी फर्जी रजिस्ट्री हो चुकी है

कदम-कदम बढ़ाए जा
खुशी के गीत गाए जा
ये जिंदगी है कौम की
तू कौम पे लुटाए जा

इस गीत को भी भाई लोगों ने कब्जिया लिया है। मुझे पूरा यकीन है कि जरूर किसी के नाम कर दिया गया होगा यह गीत। खुश ने अपने कई कम्युनिस्ट व समाजवादी मित्रों से पूछा-भाई, इसके रचयिता का नाम आप लोग क्यों नहीं देते हो। लेकिन कोई कनविंसिंग जवाब नहीं मिला। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि इसकी फर्जी रजिस्ट्री किसके नाम है लेकिन इसकी फर्जी रजिस्ट्री हो चुकी है। यदि आप लोगो को पता हो तो बताएं।

यह कविता शैलेंद्र की???

अहा जिंदगी में गीतकार शैलेंद्र पर अरविंद कुमार के दो लेख छपे हैं। नवंबर अंक में छपे भाग दो के साथ एक प्रसिद्ध कविता भी छापी गई है और बताया गया है कि यह शैलेंद्र की है। लेकिन यह कविता शैलेंद्र की नहीं है। हो सकता है कि शैलेंद्र ने इस कविता में कुछ जोड़ा हो। कविता इस प्रकार है-

तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत में यकीन कर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर
ये गम के और चार दिन, सितम के और चार दिन
ये दिन भी जाएंगे गुजर, गुजर गए हजार दिन....
यह कविता बहुत लंबी है और क्रांति गीत के तौर पर नौजवानों द्वारा गाई जाती रही है। बहुत संभव है कि शैलेंद्र ने इस कविता को उठा कर पूरे देश में पहुंचा दिया हो लेकिन यह कविता मूल रूप से अवधी के कवि वंशीधर शुक्ल ने लिखी है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के रहने वाले शुक्ल जी ने यह कविता 1947 से पहले लिखी थी और वे इस कविता को सुनाकर नौजवानों में जोश भरा करते थे। लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में 70-80 के दशक में उनकी रचनाओं पर बहुत काम हुआ है। बाद में उनकी रचनाओं की एक समग्र पुस्तक भी प्रकाशित हुई। शुक्ल जी मूल रूप से कांग्रेसी थे लेकिन आजादी के बाद वह नेहरू के घोर विरोधी हो गए और आचार्य नरेंद्र देव के साथ चले गए थे। उनका यह विरोध न सिर्फ उनकी कविताओं में बल्कि उनके राजनीतिक जीवन में चिल्ला-चिल्लाकर बोला।
इस कविता को कम्युनिस्टों, समाजवादियों ने खूब इस्तेमाल किया। क्रांति गीतों की पुस्तकों में इसे हर जगह शामिल किया गया लेकिन किसी ने यह जहमत उठाने की कोशिश नहीं कि पता करे कविता लिखी किसने है। हो सकता है कि कम्युनिस्ट भाइयों ने जानबूझकर कवि का नाम छिपाया हो क्योंकि कवि कांग्रेसी था और उत्तर प्रदेश असेंबली का सदस्य भी रहा था।
चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ीPromote Your Blog
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