कदम-कदम बढ़ाए जा
खुशी के गीत गाए जा
ये जिंदगी है कौम की
तू कौम पे लुटाए जा
इस गीत को भी भाई लोगों ने कब्जिया लिया है। मुझे पूरा यकीन है कि जरूर किसी के नाम कर दिया गया होगा यह गीत। खुश ने अपने कई कम्युनिस्ट व समाजवादी मित्रों से पूछा-भाई, इसके रचयिता का नाम आप लोग क्यों नहीं देते हो। लेकिन कोई कनविंसिंग जवाब नहीं मिला। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि इसकी फर्जी रजिस्ट्री किसके नाम है लेकिन इसकी फर्जी रजिस्ट्री हो चुकी है। यदि आप लोगो को पता हो तो बताएं।
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