ऐसा सबकुछ जो कहा गया और वह भी जो कहने से रहता गया
प्यारी यादों से भरी गाँव की भोली सी कविता !!!! बहुत पहले पंजाब और हरयाणा के गाँव जाने का मौका मिला था और मिट्टी के बरतन बनाकर चूल्हे पर चढाना भाया था...अब यादें हैं ...शायद कभी इच्छा पूरी हो !
धन्यवाद मीनाक्षी जी, आपकी टिप्पणी के लिए।
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प्यारी यादों से भरी गाँव की भोली सी कविता !!!!
बहुत पहले पंजाब और हरयाणा के गाँव जाने का मौका मिला था और मिट्टी के बरतन बनाकर चूल्हे पर चढाना भाया था...
अब यादें हैं ...शायद कभी इच्छा पूरी हो !
धन्यवाद मीनाक्षी जी, आपकी टिप्पणी के लिए।
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