Google

शुक्रवार, 19 अक्तूबर 2007

तुम्हारी

चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी
कभी किसी पल जब मन मचलता है
दिल ही दिल में बेचैन तड़पता है
खुद से निचोड़ कर जमाना
तेरी यादों के ढेर पर औंधा गिर पड़ता है

कोई टिप्पणी नहीं:

चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ीPromote Your Blog
Powered by WebRing.
Powered by WebRing.