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शुक्रवार, 11 जनवरी 2008

मोहब्बतें - वह जिंदगी से मोहब्बत करती थी





23-24 साल पहले की बात है। एक 27 साल की सुंदर लावण्यमयी जिंदगी से रोमांस में मस्त युवती जो माडलिंग का काम करती थी, अपनी शादी पर (जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही मोहतरमा मोहब्बत की राह पर चल पड़ी थीं) मिली 29 साल के एक नौजवान से जिसकी राजनीति में जबरदस्त रुचि थी और वह पेरिस का सबसे युवा मेयर था। नौजवान की निजी जिंदगी अच्छी नहीं चल रही थी, उसे चाहिए थी कोई ऐसी छांव जो उसे सुकून दे सके, युवक को लगा कि यह लड़की तो मेरे लिए ही बनी है। युवती माडलिंग करती थी और अपनी शादी के समय वह प्रेगनेंट थी। नौजवान मेयर ने युवती व उसके पति से दोस्ती गांठी। युवती को मिला ऐसा साथ जो उसकी बौद्धिक भूख को खंगाल सके, ऐसा साथी जो हर शय को मायने दे सके, जो हर दरख्त से जुड़ सके और हर धार में जिंदगी महसूस कर सके। दोनों एक राह पर चल निकले। दोनों के चर्चे हर गली में थे। सालों मोहब्बत की गाड़ी फुलस्पीड चली। एक दिन मेयर की बीवी ने देखा अपने खाविंद के पगमार्क जो इस युवती के कमरे की खिड़की की ओर इशारा कर रहे थे। मेयर बाबू रंगे हाथ पकड़े गए। बीवी तो अपने बच्चों को लेकर अलग हो ली। मोहब्बत की गाड़ी हाईवे (ब्याह) पर आ गई। सबकुछ बहुत रोमांचक था। युवती से प्रौढ़ हो गई थी और नौजवान तो खिलंदड़ था ही। केनेडी की लाइफस्टाइल उसका आदर्श थी। प्रौढ़ा अपने प्रेमी की राजनीति का मैनेजमेंट बखूबी करने लगी। उसे मजा भी आता था। जिंदगी मजे में थी बिना किसी बंदिश के- हवा के साथ-साथ, घटा के संग-संग। युवक एक दिन अपने मुल्क का मुखिया बन गया। वह युवती जो अब 10 साल के बच्चे की मां भी थी, अपने उम्र के 50 साल पूरे कर चुकी थी लेकिन जिंदगी से उसकी मोहब्बत उतनी ही इंटेंस थी जितनी इस नौजवान के साथ इस इंटेंस मोहब्बत का सफर शुरू करते समय थी। वह पेड़ों से बतियाते रहना चाहती थी, नदियों से अठखेलियां करते रहना चाहती थी और हवा के साथ-साथ जीना चाहती थी। उसने कोशिश की महीनों कि यह सब हो सके और प्रथम महिला की भूमिका में भी कोई उंगली न उठे। आखिर उसने हार मान ली और अपने साथी से स्पष्ट कह दिया वह एलिसी पैलेस के लिए नहीं बनी है। वह जिंदगी से मोहब्बत करती है।

(आगे उस नौजवान की नई मोहब्बत)
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